विश्व पर्यावरण दिवस 2018 : Beat Plastic Pollution


आज पूरी दुनिया विश्व पर्यावरण दिवस मना रही है। हर साल 5 जून को ये दिवस मनाया जाता है। भारत 2018 विश्व पर्यावरण दिवस का वैश्विक मेज़बान है। इस वर्ष का मुद्दा है "प्लास्टिक प्रदूषण को हराना"।

यूएनईपी के कार्यकारी निदेशक एरिक सोलहेम ने कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस के आयोजन के लिए भारत उनकी पहली पसंद था। इसकी आबादी व आर्थिक विकास एक मजबूत पक्ष है। शहरीकरण का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पर्यावरण को लोगों का मुद्दा बनाना चाहिए।

अगर दुनिया में एक मानव निर्मित चीज है जो सर्वव्यापी होने का दावा कर सकती है, तो वह प्लास्टिक प्रदूषण है। यह सर्वत्र है; हमारे महासागरों में, जमीन पर, हवा में, अंतरिक्ष में, यह अनावश्यक लगता है लेकिन पिछले 60-70 सालों की थोड़ी अवधि में, प्लास्टिक ने कपड़ों, खाना पकाने के बर्तन एवं खुदरा बिक्री, उत्पाद डिजाइन और इंजीनियरिंग से लेकर खानपान तक सब जगह अपनी पैठ बनाई है।

चिंताजनक बात यह है कि अध्ययनों से यह भी पता चला है कि दुनिया में सभी पेयजल में अब प्लास्टिक के कण हैं। यदि हम वैश्विक आपदाओं पर नज़र डाले तो, पाएंगे कि कैसे जानवरों और पक्षियों को समान रूप की उलझन में मरना पड़ रहा है। ऐसा प्लास्टिक द्वारा एस्फीसिएटेड या इसे निगलना या इससे उत्पन्न होने वाले हानिकारक रसायनों के संपर्क में आने से होता है। यह मनुष्यों में भी विभिन्न स्वास्थ्य मानकों और हार्मोनल तंत्र को बाधित कर रहा है।

समुद्र नदियों में गंदगी जीवों के लिए ख़तरा
इस्तेमाल के बाद फेंकी गई प्लास्टिक, जाल और दूसरे तरीके की गंदगी आज समुद्र और नदियों में रहने वाले जीवों की विलुप्ति का कारण बन रही है। एक अनुमान के मुताबिक जितना प्लास्टिक प्रदूषण ज़मीन पर है उससे कहीं ज्यादा समुद्र के अंदर है जो जलीय जीवों को भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं। कभी ये जीव इन प्लास्टिक में उलझ कर फंसे रह जाते हैं तो कभी मुंह के ज़रिए वो इनके पेट में पहुंच जाता है। प्लास्टिक कभी नष्ट नहीं होती और न गलती है लिहाज़ा जीवों को जानलेवा नुकसान पहुंचाती है।

1 हज़ार सालों में नष्ट होती है प्लास्टिक
कहते हैं प्लास्टिक 500 से 700 सालों में नष्ट होनी शुरू होती है और 1 हज़ार साल लग जाते हैं इसे पूरी तरह नष्ट होने में। इसका मतलब ये कि अब तक इस्तेमाल हुई प्लास्टिक नष्ट नहीं हुई है और रोज़ाना प्लास्टिक का इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है।

5वें हिस्से से भी कम प्लास्टिक रि-साइकल
कहा जाता है कि दुनिया भर में जितनी प्लास्टिक मौजूद है उसके पांचवे हिस्से से भी कम को रीसाइकल किया जाता है। बाकि प्लास्टिक ज़मीन, पानी के भीतर जाकर नुकसान पहुंचा रही है। सुपर पावर अमेरिका की बात करे तो यहां सिर्फ 10 फीसद प्लास्टिक ही रिसाइकल होती है

इस विश्व पर्यावरण दिवस आएं यह प्रतिज्ञा करें की हम प्लास्टिक के उपयोग को आधे से भी कम करने के लिए हमारी क्षमता से जो कुछ हो सकता है हम वह सब करेंगें। हम इस्तेमाल करो और फेंकों जैसी वस्तुओं से परहेज करके, अपने स्वयं के पुन: नवीनीकरण योग्य बैग अथवा पानी की बोतलों को ले कर, जब भी और जहां भी संभव हो, डिस्पोजेबल प्लास्टिक पर रीसाइक्लेबल प्लास्टिक को तरजीह देना शुरू कर सकते हैं।

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